CG Board :10th Samajik Vigyan solution September assignment answers 2021
cg board assignment 2021 class 10 SST Answer
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर शैक्षणिक सत्र 2021-22
माह सितम्बर असाइनमेंट – 02
कक्षा – दसवीं
विषय – सामाजिक विज्ञान
पूर्णांक-20
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निर्देश :- दिए गए सभी प्रश्नों को निर्देशानुसार हल कीजिए।
प्रश्न 1 डार्विन के सिद्धांत को राजनयिकों ने किस प्रकार दुरुपयोग किया? क्या दूसरे देशों पर आधिपत्य करने वाले देश ही उन्नति कर सकते हैं? समझाइए।
उत्तर- प्रथम विश्व युद्ध के समय कई लोग डार्विन के सिद्धांत से प्रभावित थे और वे सामाजिक डार्विन में विश्वास करते थे अर्थात् वे सोचते थे कि योग्यतम राष्ट्र ही बचेगा और उन्नति करेगा। अतः यह विश्वास उत्पन्न हुआ कि संघर्ष जीवन का प्राकृतिक नियम है और विकास के लिए आवश्यक है। विभिन्न राष्ट्र के लोग अपनी-अपनी संस्कृति को उत्कृष्ट समझते थे और कमज़ोर राष्ट्रों पर शासन करना अपना कर्तव्य मानते थे। इसी बहाने अन्य जातियों पर अपना प्रभाव स्थापित करने की चाहत से मानवता की भावना कमजोर पड़ने लगी और नरसंहार से लोगों की नैतिक भावना को अधिक ठेस नहीं पहुँचती थी। । इस प्रकार अर्थिग के
सिद्धान्तों का दुरुपयोग हुआ।
प्रश्न 2 प्रथम विश्व युद्ध में सैनिकों की दशा सुधारने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा सकते थे?
उत्तर- प्रथम विश्वयुद्ध की घोषणा हेतु हर देश की सरकार व्यापक पैमाने पर सैनिकों की भर्ती में जुट गई। ज्यादातर देशों में युवाओं को जबरदस्ती सेना में भर्ती कराया गया। इनमें ज्यादातर गरीब किसान और मजदूर थे। उस समय सैनिकों को कई महीने ठंड और बरसात में टेण्टों में अत्यन्त दयनीय स्थानों में रहना पड़ता था। साथ ही उन दिनों एंटीबायोटिक दवाओं का आविष्कार नहीं हुआ या जिसके कारण मामूली चोट लगने पर भी अस्वच्छ खाइयों में रहने वाले सैनिक संक्रमण का शिकार हो जाते थे। वास्तव में इस समय सैनिकों की दयनीय दशा में सुधार हेतु अनेक आवश्यक कदम उठाना अनिवार्य था। बेहतर भोजन, स्वच्छ आवास एवं उचित स्वास्थ्य सुविधाएँ मानवीय व्यवहार सैनिकों की मूलभूतआवश्यकताएँ थीं, जिनमें सुधार करना पहली आवश्यकता थी।
प्रश्न 3 संसद का न्यायिक काम क्या है? इस काम को उच्चतम न्यायालय को न देकर संसद को क्यों दिया गया है?
उत्तर-संसद के न्यायिक कार्य-राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति तथा उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाध शीशों को पद से हटाने के प्रस्तावों पर विचार करने का कार्य संसद के न्यायिक कार्य के अंतर्गत आता है। न्यायिक काम को उच्चतम न्यायालय को न देकर संसद को इसलिए दिया गया है क्योंकि कानून बनाने में वक्त लगता है। दो बार कानूनों पर विचार-विमर्श; जैसे-अपने कानून निर्माण के पहले दोनों सदनों में विचार-विमर्श कर इसे पारित किया जाता है अतः हर कानून पर दो बार चर्चा होती है, इससे जल्दबाजी में या त्रुटिपूर्ण कानून बनाने से बचा जाता है। उच्चतम न्यायालय का काम केवल इन कानूनों पर अपराध के अनुसार न्याय (फैसला) देने का होता है।
प्रश्न 4 भारत के राष्ट्रपति की शक्तियों एवं कार्यों की संक्षेप में विवेचना कीजिए।
राष्ट्रपति की कार्य एवं शक्तियाँ
1) कार्यपालिका संबंधी कार्य एवं शक्तियां
1. महत्ब्पूर्ण पदों में नियुक्ति, जैसे राज्यपाल, महान्यायवादी , सीएजी
2. प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रियों की नियुक्ति
2) आपातकालीन शक्तियां एवं कार्य
1. युद्ध या बाह्य आकमण या शस्त्र विद्रोह से उत्पन्न आपातकालीन की घोषणा
2. राज्य में राष्ट्पति शासन
3. वित्तीय आपातकाल की घोषणा
3)सैन्य शक्तियां एवं कार्य
1. तीनो सेनाओं का मुखिया होता है
2. युद्ध और शांति की घोषणा करता है
4) न्यायिक शक्तियां
1.क्षमादान की शक्ति है
2. सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श मांगने की प्रशक्ति
5) वित्तीय शक्तियां एवं कार्य
1.वित्त विधेयक या अनुदान को पूर्व स्वीकृती
2. भारत की आकस्मिक निधि
3. वित्त आयोग की नियुक्ति
6) विधायी शक्तियां
1. दोनों सदनों के अधिवेशनों की बैठक बुलाता है तथा बैठक की समाप्ति की घोषणा करता है।
2. सांसद की योग्यता का निर्धारण चुनाव आयोग के परामर्श से।
3. अध्यादेश जारी करने व कानून को स्वीकृति देने की शक्ति ।