CG Board Hindi September Assignment – 02 Class 12 Full Solution

 CG Board Hindi September Assignment – 02 Class 12 Full Solution

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प्रश्न 1. ‘किशनदा’ एक ऐसा चरित्र है, जो यशोधर बाबू का अनुकरणीय है। आपके विचार में किशनदा की सोच जीवन के संदर्भ में कितनी तर्क संगत है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर –यशोधर पंत जब गाँव से दिल्ली आए. तो सर्वप्रथम  किशनदा ने ही उनकी सहायता की। किशनदा ने यशोधर पंत को ‘मेस’ का रसोइया बनाकर रख लिया, क्योंकि तब तक यशोधर जी की उम्र सरकारी नौकरी के लिए कम थी। किशनदा ने यशोधर जी को पचास रुपये उधार भी दिए, जिससे वे अपने लिए कपड़े बनवा सकें और कुछ पैसे गाँव भी भेज सकें। बाद में किशनदा ने अपने ही नीचे नौकरी दिलवाई और दफ्तर के कामों में भी मार्गदर्शन किया। यशोधर पंत भी किशनदा की सलाह के बिना कोई कार्य नहीं करते थे। किशनदा परंपरागत सिद्धांतों को मानने वाले व्यक्ति थे। इस तरह किशनदा के साथ रहते-रहते यशोधर बाबू भी उन्हीं की तरह सिद्धांतवादी बन गए। अब वे अपना हर काम किशनदा को ध्यान में रखकर करते थे। यशोधर पंत किशनदा के सिद्धांतों के साथ अपना जीवन बिताने लगे। हालांकि सिद्धांतों के कारण उन्हें समाज में और परिवार में पुराने विचारों का समझा जाने लगा, पर उन्होंने किसी की परवाह न करते हुए किशनदा के सिद्धांतों को ही अपने जीवन का आधार बना लिया। समाज और स्वयं के बीच सामंजस्य न बैठा पाने के कारण यशोधर बाबू हाशिए पर चले जाते हैं। इन्हीं बातों से पता चलता है कि यशोधर बाबू के जीवन पर किशनदा का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है। यशोधर बाबू का व्यक्तित्व बहुत ही सराहनीय है। इसलिए हमें उनके विचारों को अपनाना चाहिए। पुरानी पीढ़ी को रहन-सहन, पहनावा, खाना-पीना और व्यवहार में थोड़ा बहुत बदलाव लाना ही चाहिए। उदाहरण के लिए, यदि हम लड़कियों को न पढ़ाएं तो नुकसान अपना ही करेंगे, क्योकि शिक्षित नारी पूरे परिवार को शिक्षित बनाती है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित काव्यांश पर आधारित प्रश्नों के उत्तर अपने शब्दो में लिखिए :-

स्लेट पर या लाल खड़िया चाक

मल दी हो किसी ने नील जल में या किसी की

गौर झिल मिल देह जैसे हिल रही हो।

और जादू टूटता है इस उषा का अब सूर्योदय हो रहा है।

(क) उषा का दृश्य कैसा लग रहा है?

(ख) उषा का जादू किस प्रकार टूटता है?

(ग) नीला जल क्या है? उसमें क्या हिल रहा है? 

(क) गोरी देह के झिलमिलाने की समानता सुबह के सूर्य से की गई है। सुबह वातावरण में नमी तथा स्वच्छता होने के कारण सूर्य चमकता प्रतीत होता है।

(ख) उषा का जादू अद्भुत है। सुबह का सूर्य ऐसा लगता है मानो नीले जल में गोरी युवती का प्रतिबिंब झिलमिला रहा हो। यह जादू जैसा लगता है।

(ग) उषाकाल में प्राकृतिक सौंदर्य अति शीघ्रता से बदलता. रहता है।  सूर्य के आकाश में चढ़ते ही उषा का सौंदर्य समाप्त हो जाता है। ऐसा लगता है कि उषा का जादू समाप्त हो गया है।

(घ) सूर्य के उदय होते ही उषा का जादू टूट जाता है। सूर्य की किरणों से आकाश में छाई लालिमा समाप्त हो जाती है। कवि ने नीले आकाश में चमकते सूरज को नीले जल में झिलमिलाती गौरवर्ण नवयुवती कहा है। नीला आकाश नीले जल के समान है और सफेद चमकता हुआ सूरज सुंदरी की गोरी देह सा प्रतीत होता है।

प्रश्न 3. जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया? अपने उत्तर के समर्थन में कोई तीन तर्क लिखिए।

उत्तर- जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को किस तरह सही ठहराया? लेखक की दृष्टि के विपरीत जीजी ने इंदर सेना पर पानी फेंके जाने को बिल्कुल सही ठहराया। उसका तर्क था: – किसी से कुछ पाने के लिए पहले उसे चढ़ावा चढ़ाना पड़ता है। हमयह पानी का अअर्घ्यचढ़ाते हैं। जो चीज हम पाना चाहते हैं, उसे पहले देंगे नहीं तो पाएँगे कैसे? – पहले त्याग करो फिर फल पाने की आशा करो। त्याग उसी वस्तु का मान्य होता है जिसकी तुम्हें भी बहुत अवश्यकता है। पानी की भी यही स्थिति है। – जीजी ने खेत में गेहूँ की अच्छी फसल पाने के लिए अच्छे बीजों को खेत में डालने का तर्क देकर भी अपनी बात-इंदर सेना पर पानी फेंके जाने-को सही ठहराया।

प्रश्न 4. ‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या संबंध बनता है? ‘कविता के बहाने’ कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर : पक्षी आकाश में उड़ते हैं तथा फूल जगह-जगह खिलते हैं। कविता में पक्षियों के समान उड़ने की तथा फूल के समान खिलने की विशेषता होती है। लेकिन ये विशेषताएँ उसे किसी सीमा में नहीं बाँधती। ये विशेषताएँ उसे गहराई तथा व्यापकता देती है। पक्षी एक – समय तक ही उड़ सकते हैं तथा फूल खिलकर समाप्त हो जाते हैं लेकिन कविता में ऐसा नहीं होता है। वह अपने निर्माण के साथ ही उड़ान भरती है और सदियों तक इस उड़ान को कायम रखती है, वह फूल के समान स्वरूप पाकर खिलती है। उसका खिलना एक समय  के लिए नहीं होता बल्कि वह भी सदियों तक खिलकर लोगों के हृदय को आनंदित करती है। इसलिए’उड़ने और खिलने का कविता से गहरा संबंध बनता है।

प्रश्न 5. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में लिखिए :-

(क) ‘पीत पत्रकारिता’ किसे कहते है?

(ख) पत्रकारिता के किन्ही दो प्रकारों का नाम लिखिए?

(ग) स्वतंत्र पत्रकार कौन होते है?

(घ) ‘पत्रकारिता से आप क्या समझते है?

 पीत पत्रकारिता (Yellow journalism) उस  पत्रकारिता को कहते हैं जिसमें सही समाचारों की उपेक्षा

करके सनसनी फैलाने वाले समाचार या ध्यान खींचने वाले शीर्षकों का बहुतायत में प्रयोग किया जाता है।

पत्रकार कितने प्रकार के होते हैं?

पत्रकारिता के प्रमुख  प्रकार

1. खोजी पत्रकारिता

2. खेल पत्रकारिता

3. महिला पत्रकारिता

4. बाल-पत्रकारिता

5. आर्थिक पत्रकारिता

6. पत्रकारिता के अन्य रूप

उत्तर – स्वतंत्र पत्रकार वे होते हैं जो किसी एक संस्था से नहीं बल्कि स्वतंत्र रूप से खुद से काम करते हैं। उनके लेख किसी एक अखबार या मैगजीन में नहीं छपते बल्कि देश और दुनिया के कई प्रकाशनों में छपते हैं। इसके लिए उन्हें एक राशि दी जाती है जो संबंधित संस्था के लिए लिखे गए लेख के एवज में मिलती है। यह राशि संस्था द्वारा ही तय होती है। पत्रकारिता आधुनिक सभ्यता का एक प्रमुख व्यवसाय है जिसमें समाचारों का एकत्रीकरण, लिखना, जानकारी एकत्रित करके पहुँचाना, सम्पादित करना और सम्यक प्रस्तुतीकरण आदि सम्मिलित हैं। आज के युग में पत्रकारिता के भी अनेक माध्यम हो गये हैं; जैसे- अखबार, पत्रिकायें, रेडियो, दूरदर्शन, वेब-पत्रकारिता आदि।


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