छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 12 असाइनमेंट 5 समाज शास्त्र सोल्यूशंस 2021-2022
- Answer Sheet पर अपना नाम रोल नंबर एकदम सही लिखे
- प्रश्नों के क्रमांक सही डाले
- लिखावट साफ़ सुथरी और सुंदर होनी चाहिए
- जो कुछ Answer में लिखे उसे कोई भी आसानी से पढ़ ले इस बात का ध्यान रखे
- शब्द सीमा का ध्यान रखे
- नये प्रश्न का उत्तर नये पेज से शुरू करे
- यदि जरुरत हो तो चित्र और डायग्राम भी जरुर बनाये
- यदि लिखते समय कोई पैराग्राफ में गलती हो जाए तो उस एक सीधी कट का लाइन खिंच दे ज्यादा कट पिट न करे
- उत्तर लिखने में भाषा की त्रुटी न हो खासकर मात्रा और व्याकरण सम्बन्धी
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर शैक्षणिक सत्र 2021-22
माह दिसम्बर
असाइनमेंट-05
कक्षा – बारहवीं
विषय – समाज शास्त्र
पूर्णांक-20
निर्देश :- दिए गए सभी प्रश्नों को निर्देशानुसार हल कीजिए। Instruction – Attempt all the question as per given instructions.
प्रश्न 1. स्वतंत्र भारत में मास मीडिया के बारे में संक्षिप्त वर्णन कीजिए? अंक-4 शब्दसीमा 75-100
उत्तर-पहली आधुनिक मास मीडिया का प्रारम्भ प्रिंटिंग प्रेस (छापाखाना) के विकास के साथ हुआ था। पुस्तकें छापने का काम सर्वप्रथम यूरोप से हुआ। यह तकनीक सर्वप्रथम जोहान गुटनबर्ग द्वारा 1440 में विकसित की गई थी।
(1) औद्योगिक क्रान्ति के साथ ही मुद्रण उद्योग का विकास हुआ। कुलीन मुद्रणालय के प्रथम उत्पाद साक्षर अभिजात लोगों तक ही सीमित थे।
(2) 19वीं सदी के मध्य भाग में आकर जब प्रौद्योगिकियों, परिवहन और साक्षरता में और आगे विकास हुआ, तभी समाचार-पत्र जन-जन तक पहुँचने लगे।
(3) देश के विभिन्न भागों में रहने वाले लोग परस्पर जुड़े हुए महसूस करने लगे और उनमें हम की भावना विकसित होने लगी।
(4) सुविख्यात विद्वान बेनेडिक्ट ऐन्डरसन ने कहा कि इससे राष्ट्रवाद का विकास हुआ और लोग देश को परिवार में सदस्य के जैसे महसूस करने लगे।
(5) भारतीय राष्ट्रवाद का विकास राष्ट्रवादी प्रेसों के माध्यम से ही हुआ।
(6) राष्ट्रवादी आन्दोलनों का विकास राष्ट्रवादी समाचार-पत्र-केसरी मातृभूमि, अमृत बाजार पत्रिका इत्यादि के माध्यम से भी हुआ।
(7) स्वतन्त्र भारत में मीडिया को लोकतन्त्र के पहरेदार की भूमिका निभाने के लिए कहा। मीडिया से आशा की गई कि वह लोगों के हृदय में आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय विकास की भावना भरें।
(8) एक आधुनिक औद्योगिक समाज का निर्माण करने के लिए सरकार का फिल्म प्रभाग समाचार, फिल्म और वृत्तचित्र प्रस्तुत करता था। इन्हें प्रत्येक सिनेमाघर में फिल्म प्रारम्भ करने से पहले दिखाया जाता था, ताकि दर्शकों को सरकार द्वारा चलाई जा रही विकास प्रक्रिया के बारे में जानकारी मिल सके।
Q. 1 Describe briefly the mass media in independent India?
प्रश्न 2. टेलीविजन के विकास में चैनलों की भूमिका स्पष्ट कीजिए? अंक-4 शब्दसीमा 75-100
उत्तर-टेलीविजन आज जन-संचार तथा मनोरंजन का सबसे मशहूर एवं सशक्त माध्यम बन गया है। यह दृश्य-श्रव्य साधन है। 1927 में बेल टेलीफोन लेबोरेट्रीज ने न्यूयार्क तथा वाशिंगटन के बीच प्रायोगिक टेलीविजन कार्यक्रम का प्रसारण हुआ। BBC ने अपनी टेलीविजन सेवा आरम्भ की।
भारत में टेलीविजन का आरम्भ यूनेस्को की एक शैक्षिक परियोजना के अन्तर्गत 15 सितम्बर, 1959 को हुआ था। इसके तहत् दिल्ली के आस-पास गाँवों में दो टी.वी. सेट लगाए गए जिन्हें 200 लोगों ने देखा। 15 अगस्त, 1965 से भारत में विधिवत् टी.वी. सेवा का आरम्भ हुआ। 1975 तक दिल्ली, मुम्बई, श्रीनगर, अमृतसर, कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ में टी.वी. सेन्टर खुल गए। 1 अप्रैल, 1976 से इसे आकाशवाणी से अलग कर ‘दूरदर्शन’ नाम दिया गया। 1984 में इसकी रजत जयंती मनाई गई।
दूरदर्शन ने सूचना. शिक्षा न मनोरंजन के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। पहले इस पर सरकारी
नियन्त्रण था। जिससे इसकी निष्पक्ष छवि नहीं बन पाई, लेकिन 1991 में खाड़ी युद्ध के दौरान विश्व भर के
लोगों ने युद्ध का सीधा प्रसारण (सी.एन.एन चैनल के द्वारा) देखा। भारत में लगभग दो दशक तक दूरदर्शन ही एकमात्र चैनल था। इसके पश्चात् भारत में टी.वी. की दुनिया में निजी चैनलों की शुरूआत हुई। पहले विदेशी चैनलों को प्रसारण की अनुमति मिली। शीघ्र ही स्टार जैसे टी.वी. चैनलों ने अपने भारत केन्द्रित समाचार चैनल प्रसारित करना शुरू कर दिए।
भारत में टी.वी. का असली विस्तार तब हुआ जब यहाँ देशी चैनलों की बाढ़ आने लगी। अक्टूबर 1993 में जी.टी.वी. व स्टार टी.वी. के मध्य समझौता हुआ। इसके पश्चात् समाचार के क्षेत्र में जी न्यूज व स्टार न्यूज चैनल आ गए। सन् 2002 में ‘आज तक’ का स्वतन्त्र चैनल आया। आज पूरे भारत में 200 से ज्यादा चैनल प्रसारित किए जा रहे हैं।
Q. 2 Explain the role of channels in the development of television?
प्रश्न 3. संचार के सक्रिय माध्यम के रुप में रेडियों का किस प्रकार उपयोग किया गया है? अंक-4 शब्दसीमा 75-100
Q. 3 How has radio been used as an active medium of communication?
उत्तर-पत्र-पत्रिकाओं के बाद रेडियो ने ही दुनिया को सबसे अधिक प्रभावित किया। भारत में 1936 ई. में विधिवत ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना हुई। आज आकाशवाणी देश की 24 भाषाओं और 146 बोलियों में कार्यक्रम प्रस्तुत करती है। देश के 96% हिस्से तक इसकी पहुँच है। समाचार-पत्रों के बाद रेडियो ही एक ऐसा साधन है जो प्रत्येक व्यक्ति की पहुँच में है। यहाँ तक कि निर्धन से निर्धन व्यक्ति भी 100-150 रुपये में रेडियो खरीद कर अपना मनोरंजन कर सकता है। टी.वी. चैनलों की बाढ़ आने से रेडियो का प्रभाव थोड़ा-सा कम अवश्य हो गया था, परन्तु एफ.एम. स्टेशनों के चलने से रेडियो का क्रेज फिर से बढ़ गया है। देश के दूर-दूर के इलाकों में, जहाँ मनोरंजन का कोई और साधन नहीं पहुँच सकता, वहाँ रेडियो पहुँच सकता है।
आज के उदारीकरण के समय में एफ.एम स्टेशनों का सामर्थ्य काफी बढ़ गया है। सन् 2002 से सरकार से लाइसेंस लेकर गैर-सरकारी संगठनों के द्वारा एफ.एम. रेडियो स्टेशनों की स्थापना आरम्भ हुई । एफ.एम. रेडियो स्टेशन जनसाधारण की पसन्द पर आधारित लोकप्रिय गानों, चुटकुलों, कहानियों, जनता को जागरूक करने वाले संदेशों तथा स्थानीय संस्थानों के वारे में जानकारी देने वाला सबसे सशक्त साधन के रूप में भूमिका निभाने लगे हैं। इस समय भारत में आकाशवाणी केन्द्रों के अतिरिक्त 400 से भी अधिक एफ.एम. चैनल हैं। अपनी कारों में अधिकांश लोग एफ.एम. चैनल के संगीत की आवाज सुनना अधिक पंसद करते हैं।
प्रश्न 4. मुद्रण माध्यम (प्रिंट मीडिया) के विकास को समझाइये? अंक-4 शब्दसीमा 75-100
Q. 4 Explain the development of print media?
उत्तर-प्रेस या प्रिंटिंग प्रेस का विकास 15वीं शताब्दी के मध्य (1440 ई.) जोहान गुटनवर्ग के द्वारा हुआ था। 18वीं सदी में औद्योगिक क्रान्ति के आगमन के साथ प्रिंटिंग प्रेस की माँग बढ़ने लगी। 19वीं सदी में साक्षरता की दर बढ़ने लगी। समाचार-पत्रों की लोकप्रियता का कारण विश्व के कोने-कोने का समाचार एक ही स्थान पर मिलना है।
प्रश्न 5. भूमंडलीकरण और मीडिया के संबन्ध में संक्षिप्त व्याख्या कीजिए? अंक-4 शब्दसीमा 75-100
Q. 5 Explain briefly about the globalization and media?
उत्तर-संचार क्रान्ति के चलते पिछले तीस वर्षों में दुनिया तेजी से करीब आई है और जितने परिवर्तन हुए उन सबके पीछे मीडिया का विश्व स्तर पर प्रसार है। देश के करीब हर राज्य में, ग्रामीण इलाकों में अखबारों और पत्र-पत्रिकाओं ने अपनी पहुँच बना ली है। टेलीविजन, रेडियो, इंटरनेट, मोबाइल फोन और संचार के कई साधन हमारे गाँवों की ओर बढ़ रहे हैं। इन साधनों ने हमें खबरों के करीब पहुँचा दिया है। समाचार-पत्रों और चैनलों ने कई दलित समूहों को ध्यान में रखकर नए कार्यक्रम शुरू किए हैं। युवाओं और महिलाओं के लिए कॉलम से लेकर ज्योतिष, स्वास्थ्य और फैशन जैसे कई परिशिष्ट भी निकाले जा रहे हैं। भारत जैसे विशाल आबादी के देश में, जहाँ हर तरीके का ग्राहक मौजूद हो, वहाँ मीडिया और भूमण्डलीकरण के आपसी सम्बन्ध घनिष्ठ होते हैं।