छत्तीसगढ़ बोर्ड कक्षा 12 असाइनमेंट 5 जीवविज्ञान सोल्यूशंस 2021-2022
- Answer Sheet पर अपना नाम रोल नंबर एकदम सही लिखे
- प्रश्नों के क्रमांक सही डाले
- लिखावट साफ़ सुथरी और सुंदर होनी चाहिए
- जो कुछ Answer में लिखे उसे कोई भी आसानी से पढ़ ले इस बात का ध्यान रखे
- शब्द सीमा का ध्यान रखे
- नये प्रश्न का उत्तर नये पेज से शुरू करे
- यदि जरुरत हो तो चित्र और डायग्राम भी जरुर बनाये
- यदि लिखते समय कोई पैराग्राफ में गलती हो जाए तो उस एक सीधी कट का लाइन खिंच दे ज्यादा कट पिट न करे
- उत्तर लिखने में भाषा की त्रुटी न हो खासकर मात्रा और व्याकरण सम्बन्धी
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल, रायपुर शैक्षणिक सत्र 2021-22
माह दिसम्बर
असाइनमेंट – 05
कक्षा – बारहवीं
विषय – जीवविज्ञान
पूर्णांक-20
निर्देश :- दिए गए सभी प्रश्नों को निर्देशानुसार हल कीजिए। Instruction – Attempt all the questions as per given instructions.
प्रश्न 1. पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह कैसे होता है? समसाइये। अंक 3 शब्दसीमा
Q. 1. How energy flow takes place in ecosystem? Explain it.
Ans. ऊर्जा का शंकु हमेशा सीधा बनता है क्योंकि सर्वाधिक ऊर्जा, उत्पादक स्तर को ही प्राप्त होगी। पौधों में प्राप्त होने वाली सौर ऊर्जा का लगभग 1 प्रतिशत भाग प्रकाश-संश्लेषण द्वारा खाद्य पदार्थों की रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित होता है। पौधों को खाने वाले प्राथमिक उपभोक्ताओं में, खाए हुए भोजन का लगभग 10 प्रतिशत ही जैव भार में बदलता है (अर्थात् सौर ऊर्जा का 0. 1 प्रतिशत) जो अगले स्तर के उपभोक्ता को उपलब्ध हो पाता है (अर्थात् ऊर्जा परिवर्तन की दक्षता लगभग 10% होती है) इसका कारण यह है कि ऊर्जा की बड़ी मात्रा ऊष्मा के रूप में बदल जाती है। ऊष्मा की कुछ मात्रा जैविक क्रियाओं को चलाने में काम आती है तो कुछ जीव के शरीर से बाहर निकल जाती है। इस प्रकार अगले स्तर के उपभोक्ता के लिए ऊर्जा की बहुत कम मात्रा उपलब्ध हो पाती है अर्थात् लगभग सभी हैं
प्रश्न 2, नाइट्रोजन चक्र का रैखिक चित्र बनाकर समझाईये।
Q. 2. Explain Nitrogen cycle by making liner images,
Ans
.
नाइट्रोजन वायुमंडल में सबसे प्रचुर मात्रा में है और, डीएनए जैसे प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड के निर्माण खंड के रूप में, सभी जैविक जीवन का एक महत्वपूर्ण घटक है।
1. नाइट्रोजन (Nitrogen fixation in hindi)
कुछ पौधों द्वारा अमोनिया का उपयोग किया जा सकता है, पौधों द्वारा उठाए गए अधिकांश नाइट्रोजन को अमोनिया से जीवाणुओं द्वारा परिवर्तित किया जाता है जो नाइट्राइट (NO2-) में और फिर नाइट्रेट (NO3-) में कई जीवों के लिए अत्यधिक जहरीला होता है। इस प्रक्रिया को नाइट्रिफिकेशन कहा जाता है, और बैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है।
3. एस्सिमिलेशन (Assimilation in hindi)
विभिन्न रूपों में नाइट्रोजन यौगिक, जैसे कि नाइट्रेट, नाइट्राइट, अमोनिया और अमोनियम पौधों द्वारा मिट्टी से उठाए जाते हैं जिन्हें तब पौधे और पशु प्रोटीन के गठन में उपयोग किया जाता है।
4. अमोनीफिकेशन (Ammonification in hindi)
जब पौधे और जानवर मर जाते हैं, या जब जानवर अपशिष्ट को उत्सर्जित करते हैं, ऑर्गेनिक पदार्थ में नाइट्रोजन मिट्टी में फिर से रिएंटर करता है जहां इसे अन्य सूक्ष्मजीवों द्वारा तोड़ दिया जाता है, जिन्हें हमारे द्वारा डिकंपोजर्स कहा जाता है।
5. डीनाइट्रीफिकेशन (Denitrification in hindi)
डीनाईट्रिफिकेशन मुख्य रूप से गीली मिट्टी में होता है जहां पानी सूक्ष्मजीवों को ऑक्सीजन प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। इन परिस्थितियों में, कुछ जीवों को डीनाइट्रिफाइंग बैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है जो एक नाइट्रोजन गैस को उपज के रूप में छोड़कर, ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए नाइट्रेट को संसाधित करते हैं।
प्रश्न 3. अनुक्रमण से आप क्या समझते है? अनुक्रमण के विभिन्न प्रकारों तथा उसके विभिन्न चरणों को समझाईये।
Q. 3. What do you mean by Succession? Explain types and Verious steps of Succession.
Ans. संक्रमण या अनुक्रमण (Succession)- किसी विशेष प्रदेश में समय के एक निश्चित कालांक में विभिन्न समुदायों के नियमित अनुक्रम को पारिस्थितिकीय अनुक्रम कहते हैं। दूसरे शब्दों में, किसी क्षेत्र विशेष में निश्चित कालान्तर में पाए जाने वाले विभिन्न समुदायों के सुव्यवस्थित अनुक्रम को पारिस्थितिकीय अनुक्रमण कहते हैं। जन्तु समुदायों के अनुक्रमण को प्राणी-जातीय अनुक्रम (Faunistic succession) तथा पादप समुदायों के अनुक्रम को पादमी अनुक्रमण कहते हैं।
अनुक्रमण के प्रकार (Types of Succession)
पारिस्थितिकी अनुक्रमण निम्न दो प्रकार का होता है
(1) प्राथमिक अनुक्रमण (Primary Succession) – अनुक्रमण जो निर्जन (Sterile)
क्षेत्र पर प्रारम्भ होता है, होती है, उसे प्राथमिक अनुक्रमण कहते हैं।
उदाहरणार्थ- नवनिरि चट्टान या मिट्टी का टीला आदि ।
(ii) द्वितीयक अनुक्रमण (Secondary Succession)- जब समुदाय का विकास किसी ऐसे क्षेत्र में होता है जहाँ से पूर्व स्थिति समुदाय निष्कासित कर दिया गया हो और जीवन के अनुकूलन सभी आवश्यक परिस्थितियाँ उपलब्ध हों (जैसे कटा हुआ वन प्रदेश व जुते हुए खेत) तो ऐसे अनुक्रम को द्वितीयक अनुक्रमण (Secondary Succession) कहते हैं। द्वितीयक अनुक्रमे अपेक्षाकृत अधिक तेजी से विकसित होता है, इयोंकि वहाँ थोड़े बहुत जीव पहले से ही उपस्थित होते हैं।
उपर्युक्त दो प्रकार के अनुक्रमण के अलावा अनुक्रमण को निम्न दो और प्रकारों में भी बाँटा गया है
(अ) स्वपोषी अनुक्रमण (Autotrophic Succession)
1. मरुक्रमक (Xerosere) 2. जलरम्भी (Hydrosere)
प्रश्न 4, खादय श्रृंखला एवं खादय जाल में कोई तीन अंतर लिखिये।
Q. 4. Write any three difference between food chain and food web.
Ans
प्रश्न 5. पारजीनी जीवाणु क्या है? किसी एक का उदाहरण द्वारा सचित्र वर्णन कीजिये।
Q.5. What is Transgenic Bacteria? Illustrate any one with an example.
Ans.
पारजीनी जीवाणु (Transgenic Bacteria) – ऐसे बैक्टीरिया (जीवाणु) जिनके डी.एन.ए. में परिचालन द्वारा एक अतिरिक्त ( बाहरी) जीन व्यवस्थित होता है जो अपना लक्षण व्यक्त करता है, इसे पारजीनी जीवाणु कहते हैं।
उदाहरण-ई. कोलाई (E.coli) बैक्टीरिया एक पारजीनी जीवाणु है जो मधुमेह (डायबिटीज) रोग के निदान के लिए इन्सुलिन (Insulin) को उत्पन्न करता है। इन्सुलिन अणु दो पॉलीपेप्टाइड श्रृंखलाओं का बना होता है-A शृंखला (A chain) तथा B श्रृंखला (B chain) जो आपस में डाइ-सल्फाइड बंधों द्वारा जुड़ी होती हैं। इन्सुलिन की दोनों श्रृंखलाओं का जैव संश्लेषण (Biosynthesis) एकल पॉलीपेप्टाइड शृंखलाओं प्राक्- इन्सुलिन (Proinsulin) के रूप में होता है।
मानव सहित स्तनधारियों में इन्सुलिन प्राक्-हॉर्मोन (Pro-hormone) संश्लेषित होता है जिसमें एक अतिरिक्त फैलाव होता है जिसे पेप्टाइड C(Peptide-C) कहते हैं। यह ‘सी’ पेप्टाइड परिपक्व इन्सुलिन में नहीं होता है, जो परिपक्वता के दौरान इन्सुलिन से अलग हो जाता है।
प्रश्न 6. ई. कोलाई जैसे जीवाणु में मानव जीन की क्लोनिंग एवं अभिव्यक्ति के प्रायोगिक चरणों का आरेखीय निरुपण प्रस्तुत करें।
Q. 6. Diagrammatically represent the experimental steps in cloning and expressing on human gene in to a bacterium like E-coli. Confidencial Ram. cebse Assignment Year 2021-22
Ans. पुनर्योगज डीएनए तकनीक (Re combinant DNA Technology)-
पुनर्योगज DNA प्राप्त करने के लिए तीन विधियाँ प्रयुक्त की
(अ) DNA की दो श्रृंखलाओं के अंतिम छोर पर नई DNA श्रृंखलाएँ जोड़कर-
(ब) नियंत्रण एंजाइमों की सहायता से (With the help of Restriction Enzymes) –
(स) क्लोनिंग (Cloning)—
यह विधि सबसे अधिक सरल तथा उपयोगी सिद्ध हुई है। आप जानते हैं कि कोशिकाओं में DNA का प्रतिकृतिकरण होता रहता है। परन्तु यह भी तभी होता है, जब स्वयं जीन इसका आदेश देता है। कोशिका में इन ‘प्रतिकृतिकरण जीनों’ की संख्या बहुत कम होती है। जैसे, कुछ जीवाणुओं के गुणसूत्र में 300-500 तक जीन होते हैं, परन्तु ‘प्रतिकृतिकरण जीन’ केवल एक ही होता है। इस जीन की एक विशेषता यह भी है कि यदि इसे मूल DNA से अलग करके किसी दूसरे DNA के साथ जोड़ दिया जाये तो यह उसकी प्रतिकृति करने लगता है। जीवाणुओं के प्लाज्मिड (Plasmid) में भी यह जीन उपस्थित होता है। यही कारण है कि जिस जीवाणु कोशिकाओं में प्लाज्मिड होता है, वे तेजी से गुणन करती है।